चलो, कहीं दूर चलते हैं...

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कभी-कभी बस मन करता है — सब कुछ छोड़कर कहीं निकल जाऊं।
ना फोन की घंटी बजे, ना किसी मीटिंग की रिमाइंडर। बस एक बैग, थोड़ा सुकून और बहुत सारी यादें बनाने की ख्वाहिश।

पहाड़ी हवा और खाली सड़कें...

सुबह-सुबह जब पहाड़ों की ठंडी हवा चेहरे से टकराती है, तो लगता है जैसे वक़्त थम गया हो। रास्तों पर कोई आवाज़ नहीं, सिर्फ़ अपनी ही सांसों की धड़कन सुनाई देती है।

छोटे कस्बे, बड़ी बातें...

कभी किसी छोटी चाय की दुकान पर बैठो और वहां के लोगों से बात करो — लगेगा जैसे ज़िंदगी सच में किताबों से बड़ी होती है। किसी ने कुछ खोया होता है, किसी ने बहुत कुछ पाया। और वो कहानियां आपके दिल में रह जाती हैं।

नीला आसमान और खुला मन...

जब शहर की भागदौड़ से दूर कहीं जाते हैं, तो एहसास होता है कि सबसे ज़रूरी चीज़ "खुद का साथ" होता है। उस खुले आसमान के नीचे बैठकर जब खुद से बातें करते हैं, तो जवाब भी मिलते हैं।


लाइट हेडलाइन आइडियाज़ (Slowed Reverb वाइब के लिए):

  • "हर सफर कुछ कहता है..."

  • "जहां मन को सुकून मिले..."

  • "चलते रहो, मंज़िलें खुद मिल जाएंगी..."

  • "सफर वो नहीं जो शुरू होता है... सफर वो है जो आपको बदल देता है..."



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